मीराबाई की पदावाली

लेखक: परशुराम चतुर्वेदी
प्रकाशक: हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, इलाहाबाद
संस्करण  2004
मीराबाई की पदावाली

भूमिका
(अ) विषय-प्रवेश-तत्कालीन प्रवृत्तियाँ, ज्ञान-योग, प्रेमानुबन्ध, भक्तिभाव, परिस्थिति।
(आ) मीराँबाई का जीवन-वृत्त-काल-सम्बन्धी मतभेद, कुल एवं जन्म, बाल्यावस्था, प्राथमिक शिक्षा, विवाह एवं वैधव्य, संकीर्तन एवं सत्संग, दण्ड एवं अत्याचार, मेवाड़-त्याग, तीर्थ- यात्रा, अन्तिम दिन।
(इ) मीराँबाई की रचनाएँ- ग्रंथ रचना-कार्य, नरसीजी रो माहेरो, गीतगोविन्द की टीका, राग गोविन्द, सोरठ के पदें, मीराँबाई की मलार, गर्वागीत, फुटकर पद।
(ई) मीराँबाई की पदावली – पदरचना-परम्परा, सिद्धों की पद्धति, वैष्णवों की पद्धति, संक्षिप्त विवरण, एकरसता, विषाद एवं अनुराग, आधारस्वरूप सिद्धान्त, उनका प्रभाव, इष्टदेव- निर्गुण रूप एवं साधना, इष्टदेव – सगुण रूप एवं साधना, सामंजस्य, रहस्यवाद, माधुर्य भाव, परिचय एवं गोपीभाव, साधना का रूप, विवरण, मर्यादित रूप, काव्यत्व, भावपक्ष की प्रधानता, पूर्वराग, विरहगर्भित प्रेम, विरह-वर्णन, समस्यामूलक रूप, संयोग-वर्णन, वस्तु-वर्णन, घटना- वर्णन, अलंकार-विधान, छन्द, कठिनाई एवं विवरण, कुछ संकेत, भाषा, मिश्रित भाषा, राजस्थानी, विकास,विशेषताएँ
(उ ) मीराँबाई तथा अन्य भक्त एवं कवि-तुलनात्मक अध्ययन, मीराबाई एवं नरसी मेहता, मीराबाई एवं सूरदास, मीराबाई एवं घनानन्द तथा नागरीदास, मीराँबाई एवं सूफी कवि, मीराँबाई एवं जायसी, मीराबाई एवं नामदेव तथा रैदास, मीराँबाई एवं कबीर, मीराँबाई एवं संत तथा भक्त स्त्री कवि, मीराँबाई एवं सुभद्रा तथा महादेवी, मीराबाई एवं गोदा।
(ऊ) उपसंहार
पद सूची :
मीराबाई की पदावली (मूल पाठ और पाठान्तर)
टिप्पणियाँ
प्रसंग-परिचय
परिशिष्ट (क) १. मीराँबाई के जीवन के विषय में मतभेद-मीराँबाई एवं राणा कुम्भा, मीराबाई एवं विद्यापति, मीराँबाई एवं जयमल,
अन्तिम निश्चय।
२. मीराँबाई एवं गोस्वामी तुलसीदास का पत्र-व्यवहार-प्रस्ताव का रूप, परीक्षा, निश्चित काल, कठिनाई, अन्तिम निर्णय।
३. मीराँबाई के मत व सम्प्रदाय के विषय में मदभेद-मीराँबाई और संतमत, नाथ-पंथ का प्रभाव, धार्मिक वातावरण।
४. ‘मीराँबाई’ नाम का रहस्य-मीराँबाई, निष्कर्ष।
परिशिष्ट (ख) मीराँबाई सम्बन्धी कुछ प्रसंग
परिशिष्ट (ग) मीराँबाई की कुछ अन्य रचनाएँ-नरसीजी रो माहेरो के कुछ अंश, कुछ फुटकर पद
परिशिष्ट (घ) हिन्दी का पद साहित्य
सहायक-साहित्य