लाज रखो गिरधारी

संपादक -विशाल पांडे और दिव्या जोशी
प्रकाशक -कलमकार पब्लिशर प्रा.लि.
संस्करण-पहला-2023
पुस्तक-लाज रखो गिरधारी
मीरा मेवाड़ की मरुभूमि की मंदाकिनी है, भक्ति की भागीरथी है। और कवियों की मुकुट मणि है ।राजस्थान के रेगिस्तान में भक्तों की निर्मल धारा बहा कर क्षत्रिए धर्म की भूमि को मीरा ने वृंदावन की वंदनीयता प्रदान की है। ।प्रस्तुत पुस्तक में, मैं शरण गही प्रभु तेरी ,सुनहों मैं प्रभु आवन आवाज ,मीरा दासी जनम -जनम की, संतन बैठी बैठी लोक लाज खोइ, लोक लाज कुल काण जगत की दई बहाय जस पानी ,पग घुंघरू बांध मीरा नाची, हरी मेरे जीवन प्राण आधार ,मीरा मगन भई हरि के गुण गाए ,बाला में बैरागण हूगीं, लोक लाज ताजी नाची, मैं सांवरे के रंग राची ,मनुवा राम नाम रस पीजे, गिरधर जन्म जन्म का साथी, विभिन्न लेखकों के द्वारा लिखें उपयुक्त लेख मीरा से संबंधित प्रस्तुत पुस्तक में विद्यमान है ।मीरा पर समग्र रूप से दृष्टि तथा विभिन्न विषय को लेकर इस पुस्तक का निर्माण किया गया है तथा पुस्तक के अंत में मीराबाई और उनसे सम्बद्ध छायाचित्र पुस्तक में प्रस्तुत किए गए हैं।