मीरा बाई और श्री अरविंदो
पुस्तक-मीराबाई और श्री अरविंदो , लेखिका -रुपाली सैनी अस्सिटेंट प्रोफेसर अंग्रेजी विषय (श्री गंगानगर राजस्थान)
और पढ़ेंपुस्तक-मीराबाई और श्री अरविंदो , लेखिका -रुपाली सैनी अस्सिटेंट प्रोफेसर अंग्रेजी विषय (श्री गंगानगर राजस्थान)
और पढ़ेंसंपादक -विशाल पांडे और दिव्या जोशी प्रकाशक -कलमकार पब्लिशर प्रा.लि. संस्करण-पहला-2023 पुस्तक-लाज रखो गिरधारी मीरा मेवाड़ की मरुभूमि की मंदाकिनी है, भक्ति की भागीरथी है। और कवियों की मुकुट मणि है ।राजस्थान के रेगिस्तान में भक्तों की निर्मल धारा बहा कर क्षत्रिए धर्म की भूमि को मीरा ने वृंदावन की वंदनीयता प्रदान की है। ।प्रस्तुत […]
और पढ़ेंसंपादक- मीरा कांत संस्करण -2002 मूल्य -465 ₹ निदेशक, प्रकाशन विभाग सूचना और प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार पटियाला हाउस, नई दिल्ली -110001 द्वारा प्रकाशित ‘ताना-बाना'(भूमिका से) स्त्री -जाति के माननीय अधिकारों की चेतना का मुखरित भारतीय संदर्भ लगभग 200 वर्ष पुराना है। कुछ और पीछे चले तो नितांत व्यक्तिगत स्तर पर अपेक्षाकृत धीमे स्वर में […]
और पढ़ेंपश्चिमी भारत की मरूभूमि में लगभग पाचसो वर्ष पूर्व एक कोयल रोई थी, नैनों का आकाश बरसा था, भक्ति की चांदनी छिटकी थी | कृष्ण की एक आराधिका ने अपने प्रेम की तरलता से रेगिस्तान के कण कण को भिगो दिया था | एक राजकन्या, एक राजवधुने सारी सुख सुविधा, भौतिक समृद्धि को ठुकरा कर […]
और पढ़ेंपुस्तक परिचय : मीरा: कविता-संग्रह (51 कविताएं ) सम्पादक : डॉ. मंजु रानी, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली संस्करण : 2019 मूल्य : 200 रुपए पेपर बैक, 250 रुपए सजिल्द डॉ. मंजु रानी ने अपनी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली में हिन्दी पीएच.डी. मीरा की काव्य भाषा विषय पर शोध कर एक नई ऊंचाइयां को छुआ है। मीरा […]
और पढ़ेंपुस्तक : मीराबाई उर्दू शायरी में (नग़मा-ए-इश्क़-ओ-वफ़ा) सम्पादक : हाशिम रज़ा जलालपुरी प्रकाशक : क्रियटिव स्टार (पब्लिकेशन्स) संस्करण : 2019 प्रथम देश दुनिया में अनूठी कृष्ण भक्ति के लिए भक्त शिरोमणि जैसा खिताब पाने वाली मीराबाई के पद इस पुस्तक में उर्दू/हिन्दी (मीराबाई उर्दू शायरी में) भाषा में अनुवाद किया गया है। मीराबाई हिन्दोस्तान ही […]
और पढ़ें‘राजस्थान प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान’, राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित वह संस्थान है जो राजस्थानी संस्कृति एवं विरासत को संरक्षित रखने एवं उसकी उन्नति करने के उद्देश्य से स्थापित किया है। इसकी स्थापना मुनि जिनविजय के मार्गदर्शन में की गई थी। मुनि जिनविजय राॅयल एशियाटिक सोसायटी के सदस्य थे। भारत के राष्ट्रपति डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद ने इसकी […]
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