ऐसी लगन लगाइ कहाँ तू जासी

राग बिहागरा

ऐसी लगन लगाइ कहाँ तू जासी।।टेक।।

तुम देख्याँ बिन कल न पड़त है, तलफ तलफ जिव जासी।

तेरे खातिर जोगण हूँगी, करवत लूँगी कासी।

मीराँ के प्रभु गिरधर नागर, चरण कँवल की दासी।।39।।