म्हारे णेणा निपट बंकट छब अटके

रूप राग

राम त्रिवेनी

निपट बंकट छब अटके।

म्हारे णेणा निपट बंकट छब अटके ।। टेक।।

देख्याँ रूप मदन मोहन री, पियत पियूखन मटके।

बारिज भवाँ अलग मतवारी, णेण रूप रस अटके।

टेढ्या कट टेढ़े कर मुरली, टेढ्या पाय लर लटके।

मीराँ प्रभु रे रूप लुभाणी, गिरधर नागर नटके ।। 10 ।।