छोड़ मत जाज्यो जी महाराज

छोड़ मत जाज्यो जी महाराज।।टेक।।

म्हा अबला बल म्हारों गिरधर, थे म्हारों सरताज।

म्हा गुणहीन गुणागर नागर, म्हा हिवड़ों रो साज।

जग तारण भौ भीत निवारण, थें राख्याँ गजराज।

हार्या जीवन सरण रावली, कठे जावाँ ब्रजराज।

मीराँ रे प्रभु और णा काँई, राखा अबरी लाज।।38।।