राग पीलू बरवा
बड़े घर तालो लागाँ री, पुरबला पुन्न जगावाँरी।।टेक।।
झीलर्याँ री कामणा म्हाँरो, डाबराँ कुण जावाँरी।
गंगा जमणा काम णा म्हारे, म्हाँ जावाँ दरियावाँरी।
हेल्या मेल्याँ कामणा म्हारे, म्हा मिल्या सरदाराँरी।
कामदाराँ सूँ काम णाँ म्हारे, जावाँ म्हा दरबाराँरी।
काथ कथीर सूँ काम णाँ म्हारे, चढ़स्याँ धणरी सार्याँरी।
सोणा रूपाँ सूँ काम णा म्हारे, हीराँ रो बौपाराँरी।
भाग हमारो जाग्याँ रे, रतणाकर म्हारी सीर्याँरी।
अम्रत प्याली छाड्याँ रे कुण पीवाँ कड़वाँ नीरारी।
भगत जणाँ प्रभु परचाँ पावाँ, जावाँ जगताँ दूर्यारी।
मीराँ के प्रभु गिरधर नागर मणरथ करस्याँ पूर्यारी।।21।।