भाई म्हाँणे सुपणा माँ परण्याँ दीनानाथ

स्वजनों से मतभेद

भाई म्हाँणे सुपणा माँ परण्याँ दीनानाथ।

छप्पण कोटाँ जणाँ पधार्याँ दूल्हो सिरी ब्रजनाथ।

सुपणा माँ तोरण बँध्यारी सुपणा माँ गह्या हाथ।

सुपणा माँ म्हारे परण गया पायाँ अचल सोहाग।

मीराँ रो गिरधर मिल्यारी, पुरब जणम रो भाग।।54।।