म्हाँ गिरधर रंग राती

राग धानी

म्हाँ गिरधर रंग राती।।टेक।।

पँचरँग चोला पहर्या सखी म्हाँ, झिरमिट खेलण जाती।

वाँ झिरमिट माँ मिल्या साँवरो, देख्याँ तण मण राती।

जिणरो पियाँ परदेस बस्याँरी लिख लिख भेज्याँ पाती।

म्हारा पियाँ म्हारे हीयड़े बसताँ णा आवाँ णा जाती।

मीराँ रे प्रभु गिरधर नागर, मग जोवाँ दिण राती।।20।।