परीक्षा
साँवरियो रंग राचाँ राणा, साँवरियो रंग राचाँ।।टेक।।
ताल पखावज मिरदंग बाजा, साधाँ आगे णाच्याँ।
बूझ्या माणे मदण बावरी, स्याँम प्रीतम्हाँ काचाँ।
विख रो प्यालो राणा भेज्याँ, आरोग्याँ णाँ जाचाँ।
मीराँ रे प्रभु गिरधर नागर, जनम जनम रो साँचाँ।।58।।