राग पीलू
पग बाँध घूँघर्याँ णाच्याँ री।।टेक।।
लोग कह्याँ मीरा बावरी, सासु कह्याँ कुलनासी री।
विख रो प्यालो राणा भेज्याँ, पीवाँ मीराँ हाँसाँ री।
तण मण वार्याँ परि चरिणामाँ दरसण अमरित प्यासाँ री।
मीराँ रे प्रभु गिरधर नागर, थारी सरणाँ आस्याँ री।।29।।