पिया म्हारे नैणाँ आगाँ रहज्यो जी

राग बिलावल

पिया म्हारे नैणाँ आगाँ रहज्यो जी।।टेक।।

नैणाँ आगाँ रहज्यो म्हाँणे भूल णा जाज्यो जी।

भौ सागर म्हाँ बूड़îा चाहाँ, श्याम को सुध लीज्यो जी।

राणा भेज्या विष रो प्यालो, थे इमरत कर दीज्यो जी।।40।।