म्हारो परनाम बाँके बिहारी जी

राग ललित

म्हारो परनाम बाँके बिहारी जी ।। टेक।।

मोर मुगट माथ्याँ तिलक बिराज्याँ, कुण्डल अलकाँ धारी जी।

अधर मधुर धर वंशी बजावाँ, रीझ रिझावाँ, राधा प्यारी जी।

या छब देख्याँ मोह्याँ मीराँ , मोहन गिरवधारी जी ।। 2 ।।