स्त्री संघर्ष और मीरा (तब और अब)

लेखिका : डॉ. मंजु रानी प्रकाशक : सुभांजलि प्रकाशन, कानपुर संस्करण : 2011 भारतीय समाज में पितृसत्तात्मक व्यवस्था के अन्तर्गत नारी को सिर्फ एक वस्तु, संभोग और सन्तान की इच्छा पूरी करने वाली मादा समझा जाता है। यहाँ सेवा, उपयोग और वफादारी के बदले पुरुष स्त्री को उसी तरह सजाता, सुरक्षा देता और उसकी जिम्मेदारी […]

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मीराँबाई ग्रंथावली-1 (मीराँबाई की जीवनी)

लेखक : प्रो. कल्याणसिंह शेखावत प्रकाशक : वाणी प्रकाशन संस्करण : द्वितीय 2010 इतिहास और साहित्य के अनेक विद्वानों ने मीराँबाई के जीवनवृत्त पर अपने-अपने दृष्टिकोणों से पुनर्विचार किया है। इतिहास के विभिन्न ग्रंथों में मीराँबाई का कोई प्रामाणिक उल्लेख नहीं मिलता किन्तु मुहजोत-नेणसी, बाँकीदास दयालदास तथा अन्य ख्यात और विगत लिखने वाले इतिहासकारों ने […]

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मीरां का जीवन और समाज पचरंग चोला पहर सखी री

लेखक : माधव हाड़ा प्रकाशक : वाणी प्रकाशन संस्करण : प्रथम 2015 जीवन-मीरां का ज्ञात और प्रचारित जीवन गढ़ा हुआ है। गढ़ने का यह काम शताब्दियों तक निरन्तर कई लोगों ने कई तरह से किया है और यह आज भी जारी है। मीरां के अपने जीवनकाल में ही यह काम शुरू हो गया था। उसके […]

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संत मीराँबाई और उनकी पदावली

सम्पादक : डाॅ. बलदेव वंशी प्रकाशक : परमेश्वरी प्रकाशन, प्रीत विहार, दिल्ली संस्करण : प्रथम 2010 संत कवयित्री मीराँबाई ने इसी हृदय-स्थल, हृदय-मंदिर में अपने इष्ट गोपालकृष्ण की मूरत स्थापित कर बचपन से ही उनकी पूजा-आराधना-अर्चना आरंभ कर दी थी। मीराँबाई ने स्वयं मुक्त होकर अपने समय और युग की नारी को भी और देश-समाज […]

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स्त्री चेतना और मीरा का काव्य

लेखिका : पूनम कुमारी प्रकाशक : अनामिका पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स (प्रा.) लि. संस्करण : प्रथम 2009 अनंत काल से नारी की चर्चा केवल शोभा और प्रदर्शन की वस्तु के रूप में होती रही है। जब भी उसने इस घेरे से बाहर आने की कोशिश की, उसे उपहास और व्यंग्य का पात्र बनना पड़ा। वेद, पुराण, […]

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मीरा का सौन्दर्यबोध

प्रधान सम्पादक : डाॅ. रणजीतसिंह गठाला सम्पादक : (डाॅ.) ओम् आनन्द सरस्वती प्रकाशक : मीरा स्मृति संस्थान, प्रतापनगर सिंधी काॅलोनी, चित्तौड़गढ़ संस्करण : प्रथम 2004 विगत पाँच शताब्दियों से अप्रतिम कृष्ण-भक्त और सन्त मीराबाई ने सम्पूर्ण भारत को और विश्व के अधिकांश देशों को अपने दिव्य संदेश से अभिभूत किया है। मीरा की कर्मस्थली एवं […]

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मीरा संचयन

संपादक : नन्द चतुर्वेदी प्रकाशक : वाणी प्रकाशन संस्करण : प्रथम 2006 इस पुस्तक में मीराबाई की कविता संकलन को नन्द चतुर्वेदी ने महात्मा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रसिद्ध कवि अशोक वाजपेयी की प्रेरणा से तैयार किया है। यहां मीरा को पढ़ते ही प्रेम की वे मनोरमताएँ दिखने लगती हैं जो शरीर […]

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मीरा एवं चन्द्रसखी के काव्य का तुलनात्मक अध्ययन

लेखक : डाॅ. मेहनाज बेगम प्रकाशक : आशीष प्रकाशन, कानपुर संस्करण : प्रथम 2012 कृष्ण-भक्ति साहित्य का भक्ति काल में एक विशिष्ट स्थान है। मीरा व चन्द्रसखी भी कृष्ण भक्त रचनाकार थे, दोनों ने ही सांसारिक बंधनों से निराश होकर श्रीकृष्ण की शरण ली और प्रेम तथा भक्ति के मार्ग पर चलकर अपने जीवन को […]

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मीराबाई: एक पुनर्मूल्यांकन

लेखक : पल्लव प्रकाशक : आधार प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड संस्करण : प्रथम 2007 मीरा का समाज ठहरा हुआ समाज था, जहां गतिशीलता नहीं थी। इस समय देश में धीरे-धीरे एक केन्द्रीय सत्ता स्थापित हो रही थी और अब यहां के समाज में फैले मत मतान्तरों, अन्धविश्वासों और रुढ़ियों के विरोध में एक सहज चिन्तनधारा भक्ति […]

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संत ज्ञानेश्वर एवं मीराबाई की मधुरा भक्ति

लेखक : डाॅ. दीपा क्षीरसागर अनुवादक : डाॅ. हणमतराव पाटील, डाॅ. सुधाकर शेंडगे प्रकाशक : विद्या प्रकाशन संस्करण : प्रथम 2006 दीपा क्षीरसागर ने तुलनात्मक साहित्य को आधार बनाकर मराठी में अपनी शोध कृति ‘‘संत ज्ञानेश्वर एवं संत मीराबाई के मधुरा भक्ति परक काव्य’’ का अनुसंधान किया है। एक अनुवादित पुस्तक में मध्ययुगीन भारतीय कृष्ण-परंपरा […]

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